Special Marriage Act 1954: पूरी प्रक्रिया, नियम, अधिकार और कोर्ट गाइडलाइन्स
Special Marriage Act, 1954 एक ऐसा प्रगतिशील और आधुनिक कानून है जो किसी भी दो वयस्कों को बिना किसी धार्मिक रीति-रिवाज़ और बिना किसी सामाजिक दबाव के विवाह करने की अनुमति देता है। यह कानून पूरी तरह से धर्म-निरपेक्ष (Secular) है और भारत के संविधान में दिए गए फंडामेंटल राइट्स—विशेषकर Article 21 और Article 25—को वास्तविक रूप प्रदान करता है।
यह अधिनियम उन सभी लड़का-लड़की के लिए बनाया गया है जो अपने अधिकारों को समझते हुए स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद के जीवनसाथी का चयन करना चाहते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, समुदाय या राज्य से हों।
Special Marriage Act क्यों बनाया गया?
पहले धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों (Hindu Marriage Act, Christian Marriage Act आदि) के तहत विवाह केवल उसी स्थिति में संभव होता था जब दोनों पार्टियाँ एक ही धर्म की हों। अगर लड़का हिंदू और लड़की मुस्लिम हो या कोई अन्य धार्मिक अंतर हो, तो शादी धार्मिक तरीके से संभव नहीं होती थी।
इसी समस्या के समाधान के लिए Special Marriage Act बनाया गया, ताकि विवाह एक सिविल प्रक्रिया के रूप में सीधे Marriage Registrar के सामने किया जा सके।
क्या Special Marriage Act सिर्फ इंटरफेथ मैरिज के लिए है?
नहीं। यह एक बहुत बड़ी गलतफ़हमी है। Special Marriage Act किसी भी दो वयस्कों पर लागू होता है:
- दोनों अलग धर्म के हों
- दोनों एक ही धर्म के हों
- कोई भी धार्मिक परंपरा न अपनाना चाहते हों
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि दो वयस्कों का विवाह का अधिकार पूर्ण रूप से फंडामेंटल राइट है और परिवार या समाज इसका विरोध नहीं कर सकता।
किस jurisdiction में आवेदन किया जाता है?
आप आवेदन इन दो जगहों में से किसी एक पर कर सकते हैं—
- जहाँ लड़के का Aadhaar address आता है
- जहाँ लड़की का Aadhaar या अन्य address proof आता है
यही दो जिले (District Jurisdiction) मान्य हैं। Delhi Law Firm पहले दोनों एड्रेस चेक करके सही jurisdiction तय करता है, ताकि आवेदन में कोई आपत्ति न आए।
पहली उपस्थिति (First Appearance) – दस्तावेज़ जमा
जब दोनों पार्टियाँ पहली बार Marriage Registrar Office पहुँचती हैं, इसे First Appearance कहा जाता है। इस दिन सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा किए जाते हैं:
- Age Proof
- Address Proof
- Passport-size photographs
- तीन गवाहों (Witnesses) के ID Proofs
- विदेशी नागरिक के लिए — Single Status Certificate / Marital Status Report
Delhi Law Firm पहले ही पूरी फाइल तैयार कर देता है ताकि现场 पर कोई गलती न हो।
Notice of Intended Marriage – 30 दिन की नोटिस प्रक्रिया
आवेदन स्वीकार होने के बाद Registrar “Notice of Intended Marriage” जारी करता है। पहले यह नोटिस घर भेजी जाती थी, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पैदा होते थे।
लेकिन Supeme Court (Shafin Jahan v. Ashokan, 2018) और कई High Courts ने कहा कि घर नोटिस भेजना Privacy का उल्लंघन है। अब नोटिस सिर्फ Marriage Registrar Office के Notice Board पर ही लगाई जाती है।
यह नोटिस 30 दिनों तक सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित रहती है।
वैध आपत्तियाँ क्या होती हैं?
कानून केवल कुछ सीमित आपत्तियाँ स्वीकार करता है:
- किसी एक की उम्र 18/21 वर्ष से कम हो
- पहले से शादीशुदा होना
- प्रोहिबिटेड रिलेशनशिप (भाई-बहन जैसे संबंध)
परिवार, समाज या जाति-धर्म के आधार पर आपत्ति अवैध है। सुप्रीम कोर्ट (Lata Singh, Shakti Vahini) ने आदेश दिया है कि ऐसे मामलों में पुलिस को सुरक्षा देनी होगी।
नोटिस लगने के बाद 90 दिन में शादी कराना अनिवार्य
प्रक्रिया इस प्रकार है:
- पहली उपस्थिति के बाद 30 दिन नोटिस
- नोटिस पूरी होने के बाद 90 दिन के भीतर विवाह
अगर 90 दिन में विवाह नहीं होता तो आवेदन स्वतः समाप्त हो जाता है और पूरी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है।
दूसरी उपस्थिति (Second Appearance) – विवाह संपन्न
Second Appearance के दिन दोनों पार्टियों के साथ वही तीन गवाह फिर से उपस्थित होते हैं। Registrar कुछ सरल प्रश्न पूछता है:
- नाम, पता, उम्र
- क्या अपनी मर्ज़ी से विवाह कर रहे हैं?
- क्या किसी ने दबाव, धमकी, लालच या प्रभाव डाला है?
इसके बाद Marriage Oath दिलाई जाती है और दोनों पक्ष Dowry-Free Declaration देते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी झूठे आरोप से कानूनी सुरक्षा मिलती है।
Marriage Certificate – Section 13 के तहत जारी
Registrar सभी क़ानूनी शर्तें सही पाकर विवाह संपन्न कर देता है और उसी दिन Marriage Certificate जारी कर देता है। यह प्रमाणपत्र पूरे भारत में और विदेश में समान रूप से मान्य है।
Special Marriage Act के प्रमुख लाभ
- पूरी तरह सिविल और धर्म-निरपेक्ष विवाह
- बिना धर्म परिवर्तन
- विदेशों में भी मान्य — वीज़ा/इमिग्रेशन में लाभ
- कानूनी सुरक्षा — यदि परिवार या समाज विरोध करे
Delhi Law Firm कैसे सहायता करता है?
Delhi Law Firm शुरुआत से अंत तक संपूर्ण सहायता प्रदान करता है:
- सभी दस्तावेज़ों की तैयारी
- Affidavits ड्राफ्टिंग
- Application Filing
- 30-Day Notice Monitoring
- Solemnisation Date Coordination
- Witness Management
- Certificate उसी दिन उपलब्ध
निष्कर्ष (Schema-Friendly Conclusion)
Special Marriage Act, 1954 भारत की लोकतांत्रिक और सेक्युलर सोच का महत्वपूर्ण उदाहरण है। कानून दो वयस्कों को उनकी पसंद का जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार देता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी संस्था—परिवार, समाज, या प्रशासन—इस स्वतंत्रता में बाधा न बने।
अगर आप Special Marriage Act के तहत विवाह करना चाहते हैं, Court Marriage कराना चाहते हैं, Marriage Registration करवाना चाहते हैं या Police Protection की आवश्यकता है, तो Delhi Law Firm से तुरंत संपर्क करें।
वेबसाइट: www.delhilawfirm.news
Helpline: 9990649999, 9999889091





