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Special Marriage Act 1954 Know and Understand the Complete Process, Supreme Court & High Court Guidelines

Special Marriage Act 1954: पूरी प्रक्रिया, नियम, अधिकार और कोर्ट गाइडलाइन्स

Special Marriage Act, 1954 एक ऐसा प्रगतिशील और आधुनिक कानून है जो किसी भी दो वयस्कों को बिना किसी धार्मिक रीति-रिवाज़ और बिना किसी सामाजिक दबाव के विवाह करने की अनुमति देता है। यह कानून पूरी तरह से धर्म-निरपेक्ष (Secular) है और भारत के संविधान में दिए गए फंडामेंटल राइट्स—विशेषकर Article 21 और Article 25—को वास्तविक रूप प्रदान करता है।

यह अधिनियम उन सभी लड़का-लड़की के लिए बनाया गया है जो अपने अधिकारों को समझते हुए स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद के जीवनसाथी का चयन करना चाहते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, समुदाय या राज्य से हों।

Special Marriage Act क्यों बनाया गया?

पहले धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों (Hindu Marriage Act, Christian Marriage Act आदि) के तहत विवाह केवल उसी स्थिति में संभव होता था जब दोनों पार्टियाँ एक ही धर्म की हों। अगर लड़का हिंदू और लड़की मुस्लिम हो या कोई अन्य धार्मिक अंतर हो, तो शादी धार्मिक तरीके से संभव नहीं होती थी।

इसी समस्या के समाधान के लिए Special Marriage Act बनाया गया, ताकि विवाह एक सिविल प्रक्रिया के रूप में सीधे Marriage Registrar के सामने किया जा सके।

क्या Special Marriage Act सिर्फ इंटरफेथ मैरिज के लिए है?

नहीं। यह एक बहुत बड़ी गलतफ़हमी है। Special Marriage Act किसी भी दो वयस्कों पर लागू होता है:

  • दोनों अलग धर्म के हों
  • दोनों एक ही धर्म के हों
  • कोई भी धार्मिक परंपरा न अपनाना चाहते हों

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि दो वयस्कों का विवाह का अधिकार पूर्ण रूप से फंडामेंटल राइट है और परिवार या समाज इसका विरोध नहीं कर सकता।

किस jurisdiction में आवेदन किया जाता है?

आप आवेदन इन दो जगहों में से किसी एक पर कर सकते हैं—

  • जहाँ लड़के का Aadhaar address आता है
  • जहाँ लड़की का Aadhaar या अन्य address proof आता है

यही दो जिले (District Jurisdiction) मान्य हैं। Delhi Law Firm पहले दोनों एड्रेस चेक करके सही jurisdiction तय करता है, ताकि आवेदन में कोई आपत्ति न आए।

पहली उपस्थिति (First Appearance) – दस्तावेज़ जमा

जब दोनों पार्टियाँ पहली बार Marriage Registrar Office पहुँचती हैं, इसे First Appearance कहा जाता है। इस दिन सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा किए जाते हैं:

  • Age Proof
  • Address Proof
  • Passport-size photographs
  • तीन गवाहों (Witnesses) के ID Proofs
  • विदेशी नागरिक के लिए — Single Status Certificate / Marital Status Report

Delhi Law Firm पहले ही पूरी फाइल तैयार कर देता है ताकि现场 पर कोई गलती न हो।

Notice of Intended Marriage – 30 दिन की नोटिस प्रक्रिया

आवेदन स्वीकार होने के बाद Registrar “Notice of Intended Marriage” जारी करता है। पहले यह नोटिस घर भेजी जाती थी, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पैदा होते थे।

लेकिन Supeme Court (Shafin Jahan v. Ashokan, 2018) और कई High Courts ने कहा कि घर नोटिस भेजना Privacy का उल्लंघन है। अब नोटिस सिर्फ Marriage Registrar Office के Notice Board पर ही लगाई जाती है।

यह नोटिस 30 दिनों तक सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित रहती है।

वैध आपत्तियाँ क्या होती हैं?

कानून केवल कुछ सीमित आपत्तियाँ स्वीकार करता है:

  • किसी एक की उम्र 18/21 वर्ष से कम हो
  • पहले से शादीशुदा होना
  • प्रोहिबिटेड रिलेशनशिप (भाई-बहन जैसे संबंध)

परिवार, समाज या जाति-धर्म के आधार पर आपत्ति अवैध है। सुप्रीम कोर्ट (Lata Singh, Shakti Vahini) ने आदेश दिया है कि ऐसे मामलों में पुलिस को सुरक्षा देनी होगी।

नोटिस लगने के बाद 90 दिन में शादी कराना अनिवार्य

प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • पहली उपस्थिति के बाद 30 दिन नोटिस
  • नोटिस पूरी होने के बाद 90 दिन के भीतर विवाह

अगर 90 दिन में विवाह नहीं होता तो आवेदन स्वतः समाप्त हो जाता है और पूरी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है।

दूसरी उपस्थिति (Second Appearance) – विवाह संपन्न

Second Appearance के दिन दोनों पार्टियों के साथ वही तीन गवाह फिर से उपस्थित होते हैं। Registrar कुछ सरल प्रश्न पूछता है:

  • नाम, पता, उम्र
  • क्या अपनी मर्ज़ी से विवाह कर रहे हैं?
  • क्या किसी ने दबाव, धमकी, लालच या प्रभाव डाला है?

इसके बाद Marriage Oath दिलाई जाती है और दोनों पक्ष Dowry-Free Declaration देते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी झूठे आरोप से कानूनी सुरक्षा मिलती है।

Marriage Certificate – Section 13 के तहत जारी

Registrar सभी क़ानूनी शर्तें सही पाकर विवाह संपन्न कर देता है और उसी दिन Marriage Certificate जारी कर देता है। यह प्रमाणपत्र पूरे भारत में और विदेश में समान रूप से मान्य है।

Special Marriage Act के प्रमुख लाभ

  • पूरी तरह सिविल और धर्म-निरपेक्ष विवाह
  • बिना धर्म परिवर्तन
  • विदेशों में भी मान्य — वीज़ा/इमिग्रेशन में लाभ
  • कानूनी सुरक्षा — यदि परिवार या समाज विरोध करे

Delhi Law Firm कैसे सहायता करता है?

Delhi Law Firm शुरुआत से अंत तक संपूर्ण सहायता प्रदान करता है:

  • सभी दस्तावेज़ों की तैयारी
  • Affidavits ड्राफ्टिंग
  • Application Filing
  • 30-Day Notice Monitoring
  • Solemnisation Date Coordination
  • Witness Management
  • Certificate उसी दिन उपलब्ध

निष्कर्ष (Schema-Friendly Conclusion)

Special Marriage Act, 1954 भारत की लोकतांत्रिक और सेक्युलर सोच का महत्वपूर्ण उदाहरण है। कानून दो वयस्कों को उनकी पसंद का जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार देता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी संस्था—परिवार, समाज, या प्रशासन—इस स्वतंत्रता में बाधा न बने।

अगर आप Special Marriage Act के तहत विवाह करना चाहते हैं, Court Marriage कराना चाहते हैं, Marriage Registration करवाना चाहते हैं या Police Protection की आवश्यकता है, तो Delhi Law Firm से तुरंत संपर्क करें।

वेबसाइट: www.delhilawfirm.news
Helpline: 9990649999, 9999889091

स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 पूरी प्रक्रिया जानें और समझें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट गाइड-लाइन्स

Special Marriage Act 1954: पूरी प्रक्रिया, नियम, अधिकार और कोर्ट गाइडलाइन्स

Special Marriage Act, 1954 एक ऐसा प्रगतिशील और आधुनिक कानून है जो किसी भी दो वयस्कों को बिना किसी धार्मिक रीति-रिवाज़ और बिना किसी सामाजिक दबाव के विवाह करने की अनुमति देता है। यह कानून पूरी तरह से धर्म-निरपेक्ष (Secular) है और भारत के संविधान में दिए गए फंडामेंटल राइट्स—विशेषकर Article 21 और Article 25—को वास्तविक रूप प्रदान करता है।

यह अधिनियम उन सभी लड़का-लड़की के लिए बनाया गया है जो अपने अधिकारों को समझते हुए स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद के जीवनसाथी का चयन करना चाहते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, समुदाय या राज्य से हों।

Special Marriage Act क्यों बनाया गया?

पहले धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों (Hindu Marriage Act, Christian Marriage Act आदि) के तहत विवाह केवल उसी स्थिति में संभव होता था जब दोनों पार्टियाँ एक ही धर्म की हों। अगर लड़का हिंदू और लड़की मुस्लिम हो या कोई अन्य धार्मिक अंतर हो, तो शादी धार्मिक तरीके से संभव नहीं होती थी।

इसी समस्या के समाधान के लिए Special Marriage Act बनाया गया, ताकि विवाह एक सिविल प्रक्रिया के रूप में सीधे Marriage Registrar के सामने किया जा सके।

क्या Special Marriage Act सिर्फ इंटरफेथ मैरिज के लिए है?

नहीं। यह एक बहुत बड़ी गलतफ़हमी है। Special Marriage Act किसी भी दो वयस्कों पर लागू होता है:

  • दोनों अलग धर्म के हों
  • दोनों एक ही धर्म के हों
  • कोई भी धार्मिक परंपरा न अपनाना चाहते हों

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि दो वयस्कों का विवाह का अधिकार पूर्ण रूप से फंडामेंटल राइट है और परिवार या समाज इसका विरोध नहीं कर सकता।

किस jurisdiction में आवेदन किया जाता है?

आप आवेदन इन दो जगहों में से किसी एक पर कर सकते हैं—

  • जहाँ लड़के का Aadhaar address आता है
  • जहाँ लड़की का Aadhaar या अन्य address proof आता है

यही दो जिले (District Jurisdiction) मान्य हैं। Delhi Law Firm पहले दोनों एड्रेस चेक करके सही jurisdiction तय करता है, ताकि आवेदन में कोई आपत्ति न आए।

पहली उपस्थिति (First Appearance) – दस्तावेज़ जमा

जब दोनों पार्टियाँ पहली बार Marriage Registrar Office पहुँचती हैं, इसे First Appearance कहा जाता है। इस दिन सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा किए जाते हैं:

  • Age Proof
  • Address Proof
  • Passport-size photographs
  • तीन गवाहों (Witnesses) के ID Proofs
  • विदेशी नागरिक के लिए — Single Status Certificate / Marital Status Report

Delhi Law Firm पहले ही पूरी फाइल तैयार कर देता है ताकि现场 पर कोई गलती न हो।

Notice of Intended Marriage – 30 दिन की नोटिस प्रक्रिया

आवेदन स्वीकार होने के बाद Registrar “Notice of Intended Marriage” जारी करता है। पहले यह नोटिस घर भेजी जाती थी, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पैदा होते थे।

लेकिन Supeme Court (Shafin Jahan v. Ashokan, 2018) और कई High Courts ने कहा कि घर नोटिस भेजना Privacy का उल्लंघन है। अब नोटिस सिर्फ Marriage Registrar Office के Notice Board पर ही लगाई जाती है।

यह नोटिस 30 दिनों तक सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित रहती है।

वैध आपत्तियाँ क्या होती हैं?

कानून केवल कुछ सीमित आपत्तियाँ स्वीकार करता है:

  • किसी एक की उम्र 18/21 वर्ष से कम हो
  • पहले से शादीशुदा होना
  • प्रोहिबिटेड रिलेशनशिप (भाई-बहन जैसे संबंध)

परिवार, समाज या जाति-धर्म के आधार पर आपत्ति अवैध है। सुप्रीम कोर्ट (Lata Singh, Shakti Vahini) ने आदेश दिया है कि ऐसे मामलों में पुलिस को सुरक्षा देनी होगी।

नोटिस लगने के बाद 90 दिन में शादी कराना अनिवार्य

प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • पहली उपस्थिति के बाद 30 दिन नोटिस
  • नोटिस पूरी होने के बाद 90 दिन के भीतर विवाह

अगर 90 दिन में विवाह नहीं होता तो आवेदन स्वतः समाप्त हो जाता है और पूरी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है।

दूसरी उपस्थिति (Second Appearance) – विवाह संपन्न

Second Appearance के दिन दोनों पार्टियों के साथ वही तीन गवाह फिर से उपस्थित होते हैं। Registrar कुछ सरल प्रश्न पूछता है:

  • नाम, पता, उम्र
  • क्या अपनी मर्ज़ी से विवाह कर रहे हैं?
  • क्या किसी ने दबाव, धमकी, लालच या प्रभाव डाला है?

इसके बाद Marriage Oath दिलाई जाती है और दोनों पक्ष Dowry-Free Declaration देते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी झूठे आरोप से कानूनी सुरक्षा मिलती है।

Marriage Certificate – Section 13 के तहत जारी

Registrar सभी क़ानूनी शर्तें सही पाकर विवाह संपन्न कर देता है और उसी दिन Marriage Certificate जारी कर देता है। यह प्रमाणपत्र पूरे भारत में और विदेश में समान रूप से मान्य है।

Special Marriage Act के प्रमुख लाभ

  • पूरी तरह सिविल और धर्म-निरपेक्ष विवाह
  • बिना धर्म परिवर्तन
  • विदेशों में भी मान्य — वीज़ा/इमिग्रेशन में लाभ
  • कानूनी सुरक्षा — यदि परिवार या समाज विरोध करे

Delhi Law Firm कैसे सहायता करता है?

Delhi Law Firm शुरुआत से अंत तक संपूर्ण सहायता प्रदान करता है:

  • सभी दस्तावेज़ों की तैयारी
  • Affidavits ड्राफ्टिंग
  • Application Filing
  • 30-Day Notice Monitoring
  • Solemnisation Date Coordination
  • Witness Management
  • Certificate उसी दिन उपलब्ध

निष्कर्ष (Schema-Friendly Conclusion)

Special Marriage Act, 1954 भारत की लोकतांत्रिक और सेक्युलर सोच का महत्वपूर्ण उदाहरण है। कानून दो वयस्कों को उनकी पसंद का जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार देता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी संस्था—परिवार, समाज, या प्रशासन—इस स्वतंत्रता में बाधा न बने।

अगर आप Special Marriage Act के तहत विवाह करना चाहते हैं, Court Marriage कराना चाहते हैं, Marriage Registration करवाना चाहते हैं या Police Protection की आवश्यकता है, तो Delhi Law Firm से तुरंत संपर्क करें।

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Court Marriage Without Parents’ Permission High Court’s Big Decision

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Marriage Registration Without Parents’ Consent: Major High Court Judgment

The Punjab & Haryana High Court, in the landmark case of Bhupinder Singh vs. State of Punjab, has made it clear that parents’ consent or presence is not mandatory for marriage registration. No Marriage Registrar has the authority to deny or delay registration on this ground.

This judgment brings relief to thousands of young couples who wish to marry by choice but face family or societal pressure.

Key Highlights of the Judgment

  • Only husband, wife, and two witnesses are sufficient for registration.
  • There is no legal requirement for parents’ approval.
  • Religious rituals or ceremonies cannot be used as an excuse to deny registration.
  • The relevant age is considered at the time of registration, not at the time of marriage.
  • Denying registration may amount to Contempt of Court.

Why This Judgment Matters

This decision especially protects runaway couplesinter-caste marriages, and interfaith marriages. No officer can refuse registration simply because parents are unhappy or absent.

How Delhi Law Firm® Helps

  • Document verification
  • Affidavit drafting
  • Online/offline application assistance
  • Marriage registr

बिना माता-पिता की अनुमति कोर्ट मैरिज हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

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माता-पिता की अनुमति के बिना विवाह पंजीकरण: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Bhupinder Singh बनाम State of Punjab केस में एक बहुत महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अदालत ने साफ कहा है कि विवाह पंजीकरण के लिए माता-पिता की अनुमति या उपस्थिति अनिवार्य नहीं है और कोई भी रजिस्ट्रार इस आधार पर शादी का पंजीकरण नहीं रोक सकता।

यह फैसला उन हजारों युवा कपल्स के लिए राहत लेकर आया है जो अपनी मर्ज़ी से शादी करना चाहते हैं लेकिन परिवार या समाज के दबाव का सामना करते हैं।

फैसले की मुख्य बातें

  • रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ पति-पत्नी और दो गवाह पर्याप्त हैं।
  • माता-पिता की सहमति लेने की कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं है।
  • धार्मिक रीति-रिवाज का बहाना बनाकर रजिस्ट्रेशन रोकना अवैध है।
  • उम्र की गणना रजिस्ट्रेशन के समय की जाएगी, न कि विवाह के समय।
  • रजिस्ट्रेशन रोकना कोर्ट के आदेश की अवमानना माना जा सकता है।

यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह निर्णय खासकर runaway couplesinter-caste marriages, और interfaith marriages के लिए सुरक्षा कवच की तरह है। अब कोई भी अधिकारी माता-पिता की मौजूदगी या सहमति का दबाव बनाकर रजिस्ट्रेशन को रोक नहीं सकता।

Delhi Law Firm® कैसे मदद करता है?

  • दस्तावेज़ सत्यापन
  • शपथपत्र तैयार करना
  • ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन
  • विवाह पंजीकरण सहायता
  • कोर्ट/पुलिस प्रोटेक्शन में मदद

अगर रजिस्ट्रेशन के दौरान कोई अधिकारी आपको रोक रहा है, माता-पिता की सहमति मांग रहा है, या अनावश्यक परेशान कर रहा है — यह पूरी तरह अवैध है।

Delhi Law Firm® आपकी सुरक्षा और कानूनी सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध है।

📞 हेल्पलाइन: 9990649999, 9999889091
🌐 अधिक जानकारी के लिए विज़िट करें: www.delhilawfirm.news

💍 तत्काल कोर्ट मैरिज – सिर्फ 3 घंटे में कानूनी शादी द्वारा Delhi Law Firm® | कानूनी जागरूकता श्रृंखला

🎥 वीडियो देखें:


नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है Delhi Law Firm® में — आपके भरोसेमंद कानूनी साथी के रूप में, जो पूरे भारत में कोर्ट मैरिज, विवाह पंजीकरण और कानूनी जागरूकता से जुड़ी सेवाएँ प्रदान करता है।

आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय की जो युवाओं में बहुत लोकप्रिय है — तत्काल कोर्ट मैरिज (Tatkaal Court Marriage)
अक्सर लोग पूछते हैं — “क्या हम एक ही दिन में कानूनी रूप से शादी कर सकते हैं?”
✅ जवाब है हाँ — अगर आपके सभी दस्तावेज़ पूरे हैं और दोनों पक्ष पात्र हैं, तो आप उसी दिन शादी कर सकते हैं और विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।


📜 तत्काल कोर्ट मैरिज क्या है?

तत्काल कोर्ट मैरिज कोई अलग कानून नहीं है, बल्कि भारत के मौजूदा विवाह अधिनियमों के अंतर्गत एक त्वरित कानूनी प्रक्रिया है।
“तत्काल” शब्द का अर्थ होता है “तुरंत” या “शीघ्र”।
इस प्रक्रिया में जिन जोड़ों के पास सभी आवश्यक दस्तावेज़ होते हैं, वे कुछ ही घंटों में विवाह संस्कार और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।

विवाह दो तरीकों से किया जा सकता है —

  • आर्य समाज मंदिर के माध्यम से (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध जोड़ों के लिए)
  • स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत (अंतरधार्मिक या सिविल विवाह के लिए)

पात्रता:

  • वर की आयु कम से कम 21 वर्ष और वधू की 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • दोनों अविवाहित हों या तलाक/विधवा होने का प्रमाण प्रस्तुत करें।
  • दोनों की सहमति स्वतंत्र होनी चाहिए।
  • पहचान प्रमाण – आधार, पासपोर्ट या वोटर आईडी, उम्र और पता प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो।
  • विदेशी या NRI जोड़ों के लिए – एम्बेसी NOC, मैरिटल स्टेटस रिपोर्ट, पासपोर्ट कॉपी आवश्यक है।

⚖️ चरणबद्ध प्रक्रिया

1️⃣ दस्तावेज़ों की जाँच हमारे कानूनी विशेषज्ञों द्वारा।
2️⃣ दोनों पक्षों के शपथपत्र और सहमति हस्ताक्षर।
3️⃣ आवेदन और आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करना।
4️⃣ आर्य समाज मंदिर या विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह संपन्न करना।
5️⃣ गवाहों के हस्ताक्षर और उसी दिन विवाह प्रमाणपत्र जारी।

⏰ पूरी प्रक्रिया सामान्यतः 3–4 घंटे में पूरी हो जाती है यदि दस्तावेज़ पहले से तैयार हों।


💯 कानूनी मान्यता

सरकारी विवाह रजिस्ट्रार द्वारा संपन्न तत्काल कोर्ट मैरिज पूरी तरह कानूनी और पूरे भारत में मान्य है।
विवाह प्रमाणपत्र का उपयोग आप पासपोर्ट, वीज़ा, बैंक खाता, संपत्ति और अन्य कानूनी कार्यों में कर सकते हैं।


⚠️ सावधानियाँ

🚫 फर्जी एजेंटों और अनधिकृत केंद्रों से सावधान रहें।
✅ हमेशा सुनिश्चित करें कि आपका विवाह प्रमाणपत्र सरकारी विवाह रजिस्ट्रार द्वारा जारी हुआ हो।
📲 प्रमाणपत्र को सरकारी वेबसाइट पर ऑनलाइन सत्यापित करें।

महत्वपूर्ण सुझाव:

  • अपने मूल दस्तावेज़ साथ रखें।
  • दो गवाह अनिवार्य हैं।
  • सभी कागज़ों पर स्वयं हस्ताक्षर करें।

❤️ तत्काल कोर्ट मैरिज के फायदे

  • समय की बचत और गोपनीयता की सुविधा।
  • पूरे भारत में कानूनी मान्यता।
  • इंटरफेथ और प्रोफेशनल जोड़ों के लिए उपयुक्त।
  • विवाह प्रमाणपत्र से तत्काल कानूनी सुरक्षा और पहचान।

💬 निष्कर्ष

तत्काल कोर्ट मैरिज कोई शॉर्टकट नहीं बल्कि यह आपके कानूनी अधिकारों का जिम्मेदारी से उपयोग करने का तरीका है।
चाहे आप एक ही धर्म से हों या अलग-अलग धर्मों से, आपको अपने जीवनसाथी का चुनाव करने और अपनी शादी को कानूनी रूप से पंजीकृत कराने का पूरा अधिकार है।

दस्तावेज़ सत्यापन से लेकर प्रमाणपत्र तक — Delhi Law Firm® हर कदम पर आपकी सहायता के लिए तैयार है।


📞 संपर्क करें
हेल्पलाइन: 9990649999 | 9999889091
🌐 वेबसाइट: www.courtmarriage.in


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💍 Tatkaal Court Marriage – Legal Marriage in Just 3 Hours By Delhi Law Firm® | Legal Awareness Series

🎥 Watch Video:


Namaskar friends, welcome to Delhi Law Firm®, your trusted legal partner for court marriage, marriage registration, and legal awareness across India.
Today we will talk about a topic that is very popular among young couples who wish to get married legally without delay — Tatkaal Court Marriage.

Many people ask, “Can we get married legally in one day?”
✅ The answer is Yes!
If all documents are complete and both partners are eligible, it is absolutely possible to solemnize and register your marriage legally on the same day.


📜 How the Tatkaal Marriage Process Works

Tatkaal Court Marriage is not a separate law but a fast-track legal procedure under the existing Indian Marriage Acts.
The word “Tatkaal” means urgent or immediate.
Couples with all required documents can complete their marriage and receive a valid certificate within a few hours.

Marriage can be solemnized through:

  • Arya Samaj Mandir – for Hindu, Sikh, Jain, and Buddhist couples
  • Special Marriage Act – for inter-religious or civil marriages

Eligibility:

  • Groom must be 21 years or older, bride at least 18 years old
  • Both must be unmarried (or have divorce/widowhood proof)
  • Free consent is mandatory (no coercion or pressure)
  • Required Documents: Aadhaar / Passport / Voter ID, Age proof, Address proof, Photos
  • For NRI/foreigners: Embassy NOC, Marital Status Report, Passport copy

⚖️ Step-by-Step Process

  1. Document verification by legal experts
  2. Signing affidavits for consent and marital status
  3. Application and affidavit preparation
  4. Visit Arya Samaj Mandir or Marriage Office for solemnization
  5. Witnesses sign register and certificate is issued the same day

⏰ The entire process takes around 3–4 hours if documents are complete and schedule is pre-fixed.


💯 Legal Validity of Tatkaal Marriage

A Tatkaal Court Marriage conducted before a Government Marriage Registrar is 100% legal and valid across India.
The certificate is recognized by all government offices and embassies.
You can use it for passport, visa, joint bank account, property, or any legal purpose.


⚠️ Important Precautions

Beware of fake agents or unauthorized centers issuing false certificates.
Always verify that your Marriage Certificate is issued by a Government Marriage Registrar and confirm it on the official government portal.

✅ Keep original documents ready
✅ Bring two adult witnesses
✅ Sign all documents personally before the registrar


❤️ Benefits of Tatkaal Court Marriage

  • Saves time & ensures privacy
  • Legally recognized nationwide
  • Ideal for working professionals & interfaith couples
  • Immediate proof of marital rights & legal protection

💬 Conclusion

Tatkaal Court Marriage is not a shortcut — it’s the legal way to use your rights responsibly.
Whether same-religion or interfaith, you have the right to marry a person of your choice and have your relationship legally recognized.

For professional assistance, document preparation, and same-day registration, contact Delhi Law Firm® — your trusted legal partner for marriage registration across India.


📞 Need Assistance?
Helpline: 9990649999 | 9999889091
🌐 Visit: www.courtmarriage.in


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भारत में कोर्ट मैरिज और विवाह पंजीकरण — आसान, कानूनी और सुरक्षित तरीका

🏛️ Delhi Law Firm® | भारत में कोर्ट मैरिज और विवाह रजिस्ट्रेशन

💐 ⚖️💍 भारत में कोर्ट मैरिज और विवाह पंजीकरण — आसान, कानूनी और सुरक्षित तरीका

प्रस्तुतकर्ता – Delhi Law Firm® | आपके विवाह पंजीकरण का भरोसेमंद कानूनी साथी

🎥 YouTube पर देखें:


💫 आसान, कानूनी और सुरक्षित तरीका

💍 Delhi Law Firm® में आपका स्वागत है — जो पूरे भारत में कोर्ट मैरिज और विवाह पंजीकरण की सेवाएँ प्रदान करता है।

भारत में लव मैरिज करने के तीन प्रमुख कानूनी तरीके हैं:

📜 1. केवल विवाह रस्में (Ceremony Only)
आर्य समाज मंदिर, निकाह या चर्च विवाह के माध्यम से आप शादी कर सकते हैं। संस्था से प्रमाणपत्र मिलता है, लेकिन यह अभी कोर्ट रजिस्ट्रेशन नहीं होता।

📑 2. विवाह के बाद कोर्ट रजिस्ट्रेशन (Marriage with Court Registration)
रस्में पूरी होने के बाद कोर्ट में रजिस्ट्रेशन कराकर विवाह को कानूनी मान्यता दिलाई जाती है। इससे शादी सरकार के अभिलेखों में दर्ज हो जाती है।

⚖️ 3. सीधा कोर्ट मैरिज (Direct Court Marriage)
अगर आप अलग धर्म या जाति से हैं, या बिना किसी रस्म के शादी करना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया Special Marriage Act, 1954 के तहत होती है। नोटिस के लगभग 30 दिन बाद रजिस्ट्रेशन की तारीख दी जाती है।


💡 कौन-सा तरीका आपके लिए सही है?

✅ जल्दी और सरल शादी चाहते हैं — केवल रस्में कराएँ।
✅ पूरी कानूनी सुरक्षा चाहते हैं — कोर्ट रजिस्ट्रेशन कराएँ।
✅ परिवार या समाज का विरोध है — सीधा कोर्ट मैरिज सबसे सुरक्षित है।

हमारी अनुभवी Delhi Law Firm® टीम पूरे भारत में जोड़ों की शादी को कानूनी, सुरक्षित और गोपनीय रूप से पूरा करने में सहायता करती है।


📞 हेल्पलाइन: 9990649999 | 9999889091 (व्हाट्सऐप उपलब्ध)
🌐 वेबसाइट: www.courtmarriage.in
💬 आपकी शादी — हमारी कानूनी गारंटी।

Court Marraige & Marriage Registration in India Easy, Legal & Safe Way Explained

🏛️ Delhi Law Firm® | Court Marriage & Marriage Registration in India

💐 ⚖️💍 Court Marriage & Marriage Registration in India — Easy, Legal & Safe Way Explained

Presented by Delhi Law Firm® – Your Trusted Legal Partner for Marriage Registration Across India

🎥 Watch on YouTube:


💫 Easy, Legal & Safe Way to Get Married in India

💍 Welcome to Delhi Law Firm®, your trusted legal partner for marriage registration and court marriage services across India.

In India, there are mainly three legal ways to perform a love marriage:

📜 1. Marriage Ceremony Only
You can perform the ceremony at an Arya Samaj Mandir, through Nikah, or in a Church. You receive a certificate from the institution, but it is not yet a court registration.

📑 2. Marriage with Court Registration
After performing the religious ceremony, you can register your marriage in court. Once registered, it gains full legal recognition by the government.

⚖️ 3. Direct Court Marriage
If you belong to different religions or want a non-religious wedding, you can directly register your marriage under the Special Marriage Act, 1954. This is ideal for interfaith or inter-caste couples.


💡 Which Option is Right for You?

✅ Want a quick and simple marriage? – Choose only the ceremony.
✅ Want full legal protection? – Choose marriage with registration.
✅ Facing family or social opposition? – Choose direct court marriage.

Our experienced legal team at Delhi Law Firm® helps couples across India complete their marriage process smoothly, safely, and legally.


📞 Helpline: 9990649999 | 9999889091 (WhatsApp available)
🌐 Website: www.courtmarriage.in
💬 Your Marriage, Our Legal Guarantee.

Court Marriage

💍 Delhi Law Firm® — Your Marriage, Our Legal Guarantee

📜 कोर्ट मैरिज के लिए आवश्यक दस्तावेज़

आपका स्वागत है Delhi Law Firm® में — आपके भरोसेमंद कानूनी साथी के रूप में, जो पूरे भारत में कोर्ट मैरिज और मैरिज रजिस्ट्रेशन की सेवाएँ प्रदान करता है।
आज हम बात करने जा रहे हैं एक बहुत ही ज़रूरी और अक्सर पूछे जाने वाले विषय की — कोर्ट मैरिज के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं।

बहुत से जोड़े जब कोर्ट मैरिज करवाने आते हैं तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि कौन से कागज़ साथ लाने हैं। दरअसल, यह प्रक्रिया बहुत आसान है अगर आप पहले से तैयारी कर लें।

सबसे पहले दोनों पक्षों यानी दूल्हा और दुल्हन को अपनी पहचान प्रमाण लेकर आना होता है, जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस। इनसे आपकी पहचान और विवाह के लिए कानूनी आयु की पुष्टि होती है।

इसके बाद आता है पता प्रमाण — यानी आप कहाँ रहते हैं इसका प्रमाण। इसके लिए आप आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, बिजली का बिल या कोई सरकारी दस्तावेज़ दे सकते हैं जिसमें आपका वर्तमान पता साफ़ लिखा हो। यह ज़रूरी है क्योंकि विवाह का रजिस्ट्रेशन आपके क्षेत्राधिकार के अनुसार किया जाता है।

दोनों पक्षों के चार-चार पासपोर्ट साइज फोटो ज़रूरी होते हैं, और कई बार कुछ संयुक्त तस्वीरें भी मांगी जाती हैं ताकि रिकॉर्ड में रखी जा सकें। अगर किसी पक्ष का पहले विवाह हो चुका है, तो उस स्थिति में तलाक़ डिक्री या पूर्व पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि वर्तमान विवाह पूरी तरह से वैध है और कोई कानूनी बाधा नहीं है।

अब बात करते हैं उम्र के प्रमाण की। इसके लिए आप जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल सर्टिफिकेट या पासपोर्ट दिखा सकते हैं। भारत के कानून के अनुसार लड़के की न्यूनतम आयु इक्कीस वर्ष और लड़की की न्यूनतम आयु अठारह वर्ष होनी चाहिए।

गवाहों की बात करें तो कोर्ट मैरिज में आमतौर पर दो गवाह आवश्यक होते हैं, जबकि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत तीन गवाहों की आवश्यकता होती है। हर गवाह को अपना आधार कार्ड या पहचान पत्र साथ लाना होता है क्योंकि उन्हें विवाह के समय दस्तखत करने होते हैं।

जब ये सारे दस्तावेज़ तैयार हो जाएँ तो आप Delhi Law Firm® से संपर्क करें। हमारी टीम आपकी सुविधा के अनुसार विवाह की तारीख़ तय करती है और पूरी प्रक्रिया को कानूनी, सुरक्षित और गोपनीय तरीके से संपन्न कराती है। हम दस्तावेज़ों की जाँच से लेकर सर्टिफिकेट जारी होने तक हर कदम पर आपकी मदद करते हैं।

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📜 DOCUMENTS REQUIRED FOR COURT MARRIAGE
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Welcome to Delhi Law Firm, your trusted legal partner for court marriage and marriage registration services across India.

In today’s video, we’ll talk about the documents you need for a court marriage. Many couples feel confused about what to bring, but the process is actually very simple if you’re properly prepared.

For every court marriage, both partners must have their identity proof — this can be an Aadhaar card, voter ID, passport, or driving licence. These documents verify your identity and confirm that both of you are of legal age to marry.

Along with that, you’ll need address proof for both partners — it can be an Aadhaar card, voter ID, passport, or any government-issued document showing your current residence.

You’ll also need four passport-size photographs each, and in some cases, a few joint photographs together for the record. If either partner has been previously married, then you must carry the divorce decree or death certificate of the former spouse, whichever applies. This ensures that your current marriage is legally valid and free from any prior marital obligations.

Another important requirement is the age proof — a birth certificate, school certificate, or passport works perfectly. Both partners must be above the legal age — twenty-one for the groom and eighteen for the bride.

Along with your own documents, you’ll also need two witnesses — or three witnesses in case of marriage under the Special Marriage procedure. These witnesses should carry their Aadhaar cards or any valid ID proof, as they will sign during the marriage registration process.

Once all these documents are ready, you can visit our office or contact our team to arrange the date and complete the process. The entire procedure is fully legal, quick, and handled with complete confidentiality.

At Delhi Law Firm, we provide full guidance from document verification to the final marriage certificate issuance, so you don’t have to worry about any paperwork or delays.


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